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टिहरी गढ़वाल टिहरी बाँध, झील, जलक्रीड़ा, मंदिरों और हिमालयी दृश्यों के लिए जाना जाता है।
टिहरी गढ़वाल – जहाँ पानी और पहाड़ मिलते हैं अध्यात्म से
गढ़वाल हिमालय की गोद में स्थित टिहरी गढ़वाल एक ऐसा स्थल है जहाँ शांति, साहसिकता और अध्यात्म का संगम देखने को मिलता है। यहाँ का टिहरी बाँध एशिया का सबसे ऊँचा बाँध है, जो भागीरथी नदी पर बना है। इससे बनी विशाल झील आज एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुकी है जहाँ रोमांचक जलक्रीड़ाएं होती हैं। यहाँ के मंदिर, गाँवों की सादगी और हरियाली, टिहरी को आत्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का केंद्र बनाते हैं।
टिप्स विवरण
- भाषा हिंदी, गढ़वाली, अंग्रेज़ी।
- मुद्रा भारतीय रुपया (INR)।
- स्थानीय आपातकालीन नंबर पुलिस – 100, अग्निशमन – 101, एम्बुलेंस – 102।
टिहरी में करने योग्य कार्य
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टिहरी बाँध और झील का भ्रमण एशिया के सबसे ऊँचे बाँध को देखें और झील में जलक्रीड़ाओं का आनंद लें।
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सुरकंडा देवी मंदिर की यात्रा एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ, जहाँ तक की ट्रेकिंग और वहाँ से हिमालय का सुंदर दृश्य अत्यंत रमणीय है।
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चंबा का भ्रमण न्यू टिहरी के पास स्थित एक शांत और सुंदर कस्बा, फोटो व प्राकृतिक सौंदर्य के लिए आदर्श।
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टिहरी लेक फेस्टिवल में भाग लें सांस्कृतिक एवं रोमांच से भरा वार्षिक उत्सव, झील के किनारे मनाया जाता है।
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प्राकृतिक सैर और स्थानीय जीवनशैली का अनुभव गढ़वाली संस्कृति, गांवों की मेहमाननवाजी और शांत वातावरण का आनंद लें।
टिहरी गढ़वाल कैसे पहुँचें?
- हवाई मार्ग से जोली ग्रांट हवाई अड्डा, देहरादून (लगभग 90 किमी)।
- रेल मार्ग से ऋषिकेश रेलवे स्टेशन (लगभग 76 किमी)।
- सड़क मार्ग से ऋषिकेश, देहरादून और मसूरी से सड़क द्वारा अच्छी सुविधा उपलब्ध है।
निष्कर्ष
टिहरी गढ़वाल प्राकृतिक सुंदरता, साहसिक गतिविधियाँ और आध्यात्मिक वातावरण का अद्भुत संगम है, जो हर पर्यटक के लिए एक खास अनुभव बनाता है।