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राजमहेन्द्रवरम गोदावरी नदी, पुष्करालु पर्व, पारंपरिक आंध्र संस्कृति, और तेलुगु साहित्य के जनक नन्नय्या के कारण प्रसिद्ध है।
राजमहेन्द्रवरम – आंध्र प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी
राजमुंदरी, जिसे राजमहेंद्रवरम भी कहा जाता है, भारत के प्राचीनतम शहरों में से एक है। यह शहर गोदावरी नदी के पूर्वी किनारे पर स्थित है और धार्मिक, साहित्यिक तथा सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसे तेलुगु साहित्य की जन्मभूमि माना जाता है। यहाँ सुंदर घाट, पुराने मंदिर और पारंपरिक कला व नृत्य की झलक देखने को मिलती है। हर 12 वर्ष में यहाँ गोदावरी पुष्करालु उत्सव का आयोजन होता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। यह शहर हैंडलूम और वस्त्र उद्योग के लिए भी जाना जाता है।
टिप्स विवरण
- भाषा तेलुगु, हिंदी, अंग्रेजी।
- मुद्रा भारतीय रुपया (INR)।
- आपातकालीन नंबर पुलिस: 100, एंबुलेंस: 102, फायर: 101।
घूमने योग्य स्थान
- गोदावरी नदी में बोट राइड करें शांत और सुंदर नदी के नज़ारे लें।
- इस्कॉन मंदिर जाएँ भगवान कृष्ण को समर्पित सुंदर और शांत मंदिर।
- डौलेश्वरम बैराज देखें सर आर्थर कॉटन द्वारा निर्मित ऐतिहासिक डैम और व्यूपॉइंट।
- पुष्कर घाटों पर घूमें धार्मिक स्नान और पूजा स्थलों का अनुभव लें।
- रल्लाबंडी सुब्बाराव संग्रहालय देखें प्राचीन सिक्के, शिल्प, पांडुलिपियाँ और सांस्कृतिक धरोहरें।
राजमहेन्द्रवरम कैसे पहुँचें?
- हवाई मार्ग से राजमहेन्द्रवरम एयरपोर्ट से हैदराबाद, चेन्नई और बैंगलोर के लिए उड़ानें उपलब्ध हैं।
- रेल मार्ग से राजमहेन्द्रवरम रेलवे स्टेशन से प्रमुख शहरों के लिए नियमित ट्रेनें चलती हैं।
- सड़क मार्ग से NH-16 और APSRTC की बसों द्वारा विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम और हैदराबाद से सीधी पहुंच।
निष्कर्ष
राजमहेन्द्रवरम अध्यात्म, इतिहास और प्राकृतिक सुंदरता का अनूठा संगम है। यह सांस्कृतिक यात्रियों, श्रद्धालुओं और नदी प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थल है।