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हबीगंज रिमा-कलेंगा वन्यजीव अभयारण्य, चाय बागान, सुतांग नदी, बिथंगल अखड़ा और खासी व त्रिपुरी जनजातियों के लिए प्रसिद्ध है।
हबीगंज – सिलहट का छिपा हुआ प्राकृतिक रत्न
सिलहट डिवीजन के दक्षिण-पश्चिम में स्थित हबीगंज एक सुरम्य जिला है, जहां हरे-भरे जंगल, सुंदर चाय बागान और विविध वन्यजीव पाए जाते हैं। कुशियारा और खोवाई जैसी नदियाँ इस क्षेत्र को एक शांत और प्राकृतिक सौंदर्य प्रदान करती हैं।
यहाँ का रिमा-कलेंगा वन्यजीव अभयारण्य बांग्लादेश के सबसे बड़े प्राकृतिक वनों में से एक है, जहाँ बंदर, बार्किंग डियर, लंगूर और कई दुर्लभ पक्षी देखे जा सकते हैं। हबीगंज सांस्कृतिक रूप से भी समृद्ध है, जहाँ प्राचीन धार्मिक स्थल और आदिवासी गांव एक साथ मिलकर विविध परंपराओं को दर्शाते हैं। यह शहर पर्यटन के लिए शांत और भीड़-भाड़ से दूर एक बेहतरीन विकल्प है।
टिप्स विवरण
- भाषा बांग्ला, सिलहटी, अंग्रेज़ी।
- मुद्रा बांग्लादेशी टका (BDT)।
- आपातकालीन नंबर पुलिस – 999, फायर – 999, एम्बुलेंस – 999।
हबीगंज में करने योग्य कार्य
- रिमा-कलेंगा वन्यजीव अभयारण्य की खोज बांग्लादेश के बड़े वनों में ट्रैकिंग करें और दुर्लभ वन्यजीव जैसे बंदर, हिरण और पक्षियों को देखें।
- चुनारुघाट के चाय बागानों की सैर शांत चाय बागानों में घूमें, चाय तोड़ने की पारंपरिक प्रक्रिया देखें और ताज़ी चाय का आनंद लें।
- नदी जीवन का अनुभव करें कुशियारा या खोवाई नदी में नौका विहार करें और आसपास के ग्रामीण जीवन तथा प्रकृति का आनंद लें।
- बिथंगल अखड़ा की यात्रा इस ऐतिहासिक हिंदू मठ की वास्तुकला और धार्मिक महत्व को जानें। यह जिला का प्रमुख धार्मिक स्थल है।
- खासी और त्रिपुरी गांवों की यात्रा करें स्थानीय जनजातीय जीवन, पहनावे, घरों और व्यंजनों को करीब से जानने का मौका पाएं।
- पथारिया पहाड़ियों में ट्रेकिंग करें भारत सीमा के पास स्थित इन पहाड़ियों में रोमांचक ट्रेकिंग और प्राकृतिक दृश्य का आनंद लें।
- पुटिजुरी जलप्रपात में पिकनिक एक छिपा हुआ झरना, जो पिकनिक और फोटोग्राफी के लिए उपयुक्त है।
- स्थानीय व्यंजन का स्वाद लें शुद्ध सिलहटी व्यंजन, त्रिपुरी बांस के व्यंजन और पारंपरिक चावल के भोजन का आनंद लें।
- स्थानीय बाजारों में खरीदारी करें हस्तनिर्मित शिल्प, जनजातीय आभूषण, पारंपरिक वस्त्र और चाय उत्पाद खरीदें।
- लोक संगीत का आनंद लें बाउल संगीत और लोक त्योहारों में भाग लें, जहाँ पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुन में ग्रामीण उत्सव होता है।
हबीगंज कैसे पहुँचें?
- हवाई मार्ग से निकटतम हवाई अड्डा सिलहट का उस्मानी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, लगभग 110 किलोमीटर दूर।
- रेल मार्ग से शायस्तागंज जंक्शन के माध्यम से ढाका-सिलहट रेलमार्ग से जुड़ा हुआ है।
- सड़क मार्ग से ढाका, सिलहट और मौलवीबाजार से सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है।
निष्कर्ष
हबीगंज एक मनमोहक स्थान है जहाँ प्रकृति, संस्कृति और जनजातीय जीवन एक साथ मिलते हैं। यह पारंपरिक अनुभव और पारिस्थितिक पर्यटन के लिए एक आदर्श गंतव्य है।