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बृहदीश्वर मंदिर, थंजावुर पेंटिंग, शास्त्रीय संगीत व नृत्य, सरस्वती महल लाइब्रेरी, चोलकालीन वास्तुकला।
थंजावुर – तमिलनाडु की सांस्कृतिक राजधानी
थंजावुर, जिसे तंजौर भी कहा जाता है, दक्षिण भारत का एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से समृद्ध नगर है। यह कभी चोल वंश की राजधानी था और धर्म, शिक्षा और कला का केंद्र माना जाता था।
यहाँ का बृहदीश्वर मंदिर 11वीं सदी का एक अद्भुत मंदिर है जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है। यह शहर थंजावुर चित्रकला, कर्नाटिक संगीत और भरतनाट्यम नृत्य के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ के महल, पुस्तकालय और संग्रहालय अतीत की भव्यता की झलक देते हैं।
टिप्स विवरण
- भाषा तमिल, हिंदी, अंग्रेज़ी।
- मुद्रा भारतीय रुपया (INR)।
- आपातकालीन नंबर पुलिस – 100, फायर – 101, एम्बुलेंस – 102, पर्यटन हेल्पलाइन – 1800-111-363।
थंजावुर में करने योग्य कार्य
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बृहदीश्वर मंदिर दर्शन करें शिल्पकला और भक्ति से परिपूर्ण यह मंदिर एक अद्भुत अनुभव है।
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थंजावुर महल परिसर जाएं महल, संग्रहालय और सरस्वती महल लाइब्रेरी का भ्रमण करें।
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शास्त्रीय संगीत और नृत्य का आनंद लें त्योहारों के समय आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद उठाएँ।
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थंजावुर पेंटिंग्स खरीदें सोने की पत्ती और चमकीले रंगों से बनी पारंपरिक पेंटिंग्स लें।
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स्थानीय हस्तशिल्प और बाज़ार घूमें कांस्य मूर्तियाँ, पारंपरिक वाद्य यंत्र और कलाकृतियाँ खरीदें।
थंजावुर कैसे पहुँचें?
- हवाई मार्ग से निकटतम हवाई अड्डा – त्रिची (60 किमी)।
- रेल मार्ग से थंजावुर रेलवे स्टेशन प्रमुख शहरों से जुड़ा है।
- सड़क मार्ग से चेन्नई, मदुरै, त्रिची आदि से नियमित बस व टैक्सी सेवा उपलब्ध।
निष्कर्ष
थंजावुर आध्यात्मिकता, कला और विरासत का संगम है। यह शहर इतिहास प्रेमियों, संस्कृति के चाहने वालों और धार्मिक यात्रियों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव देता है।