सीता राम कथा सुनाना
सीता राम कथा का धार्मिक महत्व अत्यधिक है, यह कथा रामायण में वर्णित भगवान श्रीराम और माता सीता की दिव्य और प्रेरणादायक जीवनगाथा है। यहां संक्षेप में सीता राम कथा प्रस्तुत है।
भगवान श्रीराम अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के पुत्र थे। उनके तीन और भाई थे: भरत, लक्ष्मण, और शत्रुघ्न। श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम कहे जाते हैं, क्योंकि उन्होंने हमेशा धर्म और मर्यादा का पालन किया।
माता सीता का जन्म और विवाह:
माता सीता मिथिला के राजा जनक की पुत्री थीं। उनके जन्म की कथा विशेष है; जब राजा जनक धरती पर हल चला रहे थे, तब उन्हें धरती से एक कन्या प्राप्त हुई, जिसे उन्होंने अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया। वह सीता के नाम से जानी गईं। जब सीता का विवाह योग्य समय आया, तब राजा जनक ने स्वयंवर का आयोजन किया। स्वयंवर में शर्त यह थी कि जो भी धनुष को तोड़ेगा, वही सीता से विवाह करेगा। कई राजकुमार इस धनुष को उठाने में असमर्थ रहे, लेकिन भगवान श्रीराम ने इसे सहजता से तोड़ दिया और सीता से उनका विवाह हुआ।
वनवास और माता सीता का हरण:
राजा दशरथ की पत्नी कैकेयी के आग्रह पर श्रीराम को 14 वर्षों का वनवास मिला। उनके साथ माता सीता और भाई लक्ष्मण भी वन में गए। वनवास के दौरान रावण, जो लंका का राक्षस राजा था, ने छल से माता सीता का हरण कर लिया और उन्हें लंका ले गया। रावण के द्वारा सीता का अपहरण भगवान राम के जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ था।
हनुमान का लंका जाना:
भगवान राम ने वानर सेना के साथ सीता की खोज की। हनुमान, जो भगवान राम के सबसे बड़े भक्त थे, लंका गए और माता सीता को रावण की कैद में खोजा। उन्होंने माता सीता को श्रीराम की अंगूठी दी और उन्हें आश्वासन दिया कि भगवान राम जल्द ही उन्हें बचाने आएंगे।
लंका युद्ध और रावण का वध:
भगवान राम ने वानर सेना और राक्षसों के बीच भयंकर युद्ध लड़ा। अंततः उन्होंने रावण का वध किया और माता सीता को मुक्त कराया। इसके बाद श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण अयोध्या लौटे, जहाँ उनका भव्य स्वागत हुआ और रामराज्य की स्थापना हुई।
सीता की अग्नि परीक्षा:
जब माता सीता लंका से लौट आईं, तब भगवान राम ने उनकी शुद्धता की परीक्षा लेने के लिए अग्नि परीक्षा का आयोजन किया। माता सीता ने इस परीक्षा को सहर्ष स्वीकार किया और वे अग्नि से सुरक्षित बाहर निकलीं, जिससे उनकी पवित्रता सिद्ध हुई।
पूजा-पाठ का महत्व:
सीता राम कथा का पाठ या श्रवण करने से मन में शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह कथा धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पुण्यकारी मानी जाती है। भगवान राम और माता सीता की पूजा करने से जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है।
निष्कर्ष:
सीता राम कथा हमें धर्म, प्रेम, और निष्ठा की महत्वपूर्ण सीख देती है। भगवान राम ने हमेशा धर्म का पालन किया और हर स्थिति में अपनी मर्यादा को बनाए रखा। माता सीता की पवित्रता और धैर्य हमें सिखाता है कि संकट के समय भी संयम और विश्वास बनाए रखना चाहिए। सीता राम कथा का नियमित पाठ परिवार और समाज में भी प्रेम और भाईचारे की भावना को प्रबल करता है।