राहु-केतु ग्रह शांति जाप
राहु और केतु दो छाया ग्रह माने जाते हैं, जो वास्तिवक ग्रह नहीं होते, लेकिन उनका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर गहरा होता है। इन दोनों ग्रहों के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए राहु-केतु ग्रह शांति जाप किया जाता है। यह जाप खासतौर पर तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु के दुष्प्रभाव होते हैं।
राहु-केतु ग्रह शांति जाप कैसे किया जाता है?
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मंत्र का उच्चारण: राहु-केतु के प्रभाव को कम करने के लिए विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है।इन मंत्रों का 108 बार जप किया जाता है। इसके अलावा, "ॐ रां राहवे नमः" और "ॐ श्रीं केतवे नमः" के जाप से इन ग्रहों के प्रभावों को नियंत्रित किया जाता है। प्रमुख मंत्रों में निम्नलिखित शामिल हैं:
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राहु के लिए मंत्र: "ॐ रां राहवे नमः"
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केतु के लिए मंत्र: "ॐ श्रीं केतवे नमः"
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जाप का समय: राहु और केतु का जाप खासतौर पर मंगलवार, शनिवार, और गुरुवार के दिन किया जाता है। यह दिन इनके ग्रहों के प्रभाव को शांत करने के लिए सबसे उपयुक्त माने जाते हैं।
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स्मरण और ध्यान: जाप के दौरान, व्यक्ति को पूर्ण श्रद्धा और ध्यान के साथ मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। राहु और केतु से संबंधित विशेष ध्यान और पूजा विधियों का पालन करना इस जाप के प्रभाव को और बढ़ा देता है।
महत्व:
राहु और केतु नवग्रहों में छाया ग्रह माने जाते हैं। इनका प्रभाव जीवन के विभिन्न पहलुओं पर पड़ता है, जैसे कि करियर, विवाह, स्वास्थ्य, और मानसिक शांति। राहु केतु ग्रह शांति जाप का मुख्य उद्देश्य उनके अशुभ प्रभावों को कम करना और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाना है।
उद्देश्य:
राहु-केतु ग्रह शांति जाप का उद्देश्य व्यक्ति के जीवन से नकारात्मकता को हटाकर सुख-समृद्धि और संतुलन लाना है। यह विशेष रूप से तब किया जाता है जब कुंडली में राहु और केतु अशुभ स्थिति में होते हैं। राहु-केतु शांति जाप उन लोगों के लिए अत्यंत उपयोगी है, जो जीवन में बार-बार असफलताओं, मानसिक तनाव और अन्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। यह जाप शुभ परिणाम देता है और जीवन को अधिक संतुलित और शांतिपूर्ण बनाता है।
निष्कर्ष:
राहु-केतु ग्रह शांति जाप एक महत्वपूर्ण उपाय है, जिसे अपनी कुंडली में राहु और केतु के अशुभ प्रभावों को शांत करने के लिए किया जाता है। यह जाप व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और मानसिक संतुलन लाने के साथ-साथ उसे जीवन के विभिन्न संघर्षों से उबारने में मदद करता है। नियमित रूप से इस जाप को करने से अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं।