राहु-केतु दोष शांति पूजा
राहु-केतु दोष शांति पूजा एक विशेष ज्योतिषीय और धार्मिक अनुष्ठान है, जो कुंडली में राहु और केतु ग्रहों के कारण उत्पन्न दोषों और नकारात्मक प्रभावों को शांत करने के लिए किया जाता है। राहु और केतु को छाया ग्रह माना जाता है और इनके दोष से जीवन में कई समस्याएँ जैसे स्वास्थ्य, धन, संबंध, और मानसिक शांति में बाधा उत्पन्न हो सकती हैं। इस पूजा का मुख्य उद्देश्य इन ग्रहों की अशुभता को कम करना और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देना है।
राहु-केतु दोष शांति पूजा का उद्देश्य :
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ग्रहों की अशुभता को कम करना: पूजा का मुख्य उद्देश्य राहु और केतु के नकारात्मक प्रभाव को कम करना और जीवन को सुगम बनाना है।
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ईश्वर की कृपा प्राप्त करना: इस पूजा के माध्यम से भगवान शिव और राहु-केतु ग्रहों के मंत्रों का जाप कर उनकी कृपा प्राप्त की जाती है।
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कुंडली के दोषों का निवारण: राहु-केतु दोष के कारण उत्पन्न अड़चनों और विघ्नों को शांत करना।
राहु-केतु दोष शांति पूजा का महत्व :
ज्योतिषीय दृष्टि से यह पूजा कुंडली में राहु-केतु के अशुभ प्रभाव को कम करती है और उनके शुभ प्रभावों को बढ़ाती है। राहु और केतु को छाया ग्रह माना जाता है, जो व्यक्ति के जीवन में भ्रम, अस्थिरता, और संघर्ष उत्पन्न कर सकते हैं।इस पूजा के माध्यम से व्यक्ति नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तित कर सकता है।ज्योतिष के अनुसार, यह पूजा विशेष रूप से कालसर्प दोष, पितृ दोष, और मानसिक अवसाद से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए अत्यंत प्रभावी है।
निष्कर्ष:
राहु-केतु दोष शांति पूजा व्यक्ति के जीवन को स्थिरता, समृद्धि और सकारात्मकता प्रदान करने का एक प्रभावी उपाय है। यदि आपकी कुंडली में राहु और केतु का नकारात्मक प्रभाव हो, तो यह पूजा आपको मनोवैज्ञानिक, आर्थिक और आध्यात्मिक लाभ प्रदान कर सकती है। पूजा को योग्य और अनुभवी पुरोहित द्वारा करवाना अत्यंत आवश्यक है।