मांगलिक दोष निवारण पूजा
मांगलिक दोष हिंदू ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण विषय है, जो व्यक्ति के कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति से जुड़ा होता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह नीच या अशुभ स्थान पर स्थित होता है, तो इसे मांगलिक दोष कहा जाता है। यह दोष विवाह में देरी, रिश्तों में तनाव और जीवन में अन्य बाधाओं का कारण बन सकता है।
मांगलिक दोष निवारण पूजा इस दोष के निवारण के लिए की जाती है। इस पूजा के दौरान विशेष मंत्रों का उच्चारण और विशिष्ट अनुष्ठानों का पालन किया जाता है ताकि मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सके।
उद्देश्य:
मांगलिक दोष निवारण पूजा का मुख्य उद्देश्य मंगल ग्रह के अशुभ प्रभावों को समाप्त करना और व्यक्ति के जीवन को सुखी और समृद्ध बनाना है। यह पूजा विवाह में आ रही रुकावटों को दूर करने, पारिवारिक जीवन को खुशहाल बनाने और जीवन में किसी भी प्रकार की मानसिक या शारीरिक परेशानियों से बचाव के लिए की जाती है।
महत्व:
मांगलिक दोष निवारण पूजा का महत्व विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए है जिनकी कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ स्थान पर स्थित होता है। इस पूजा से मंगल ग्रह की शुभता प्राप्त होती है, और यह व्यक्ति के जीवन में आने वाली परेशानियों का समाधान करने में सहायक होती है। यह पूजा न केवल वैवाहिक जीवन, बल्कि सम्पूर्ण जीवन की सफलता और समृद्धि में सहायक होती है।
निष्कर्ष:
मांगलिक दोष निवारण पूजा एक महत्वपूर्ण धार्मिक उपाय है जो व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को कम करने का कार्य करती है। यह पूजा व्यक्ति के जीवन को सुखमय, शांतिपूर्ण और समृद्ध बनाने के लिए की जाती है। यह न केवल विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करती है, बल्कि व्यक्ति के जीवन को समृद्ध और शांति से भरपूर बनाती है।