अंगारक दोष निवारण पूजा
अंगारक दोष ज्योतिष शास्त्र में तब बनता है जब मंगल ग्रह और राहु एक ही भाव में स्थित होते हैं। इसे अशुभ योग माना जाता है, जो जीवन में विभिन्न बाधाओं और परेशानियों का कारण बन सकता है। इस दोष को शांत करने के लिए अंगारक दोष निवारण पूजा की जाती है।
अंगारक दोष निवारण पूजा का उद्देश्य :
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मंगल और राहु के अशुभ प्रभाव को कम करना।
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जीवन में आने वाले तनाव, बाधाएं और कठिनाइयों को समाप्त करना।
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दोष के कारण उत्पन्न क्रोध, आवेग और मानसिक अशांति को नियंत्रित करना।
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परिवार और व्यक्तिगत जीवन में शांति और स्थिरता लाना।
महत्व :
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अंगारक दोष से पीड़ित व्यक्ति को गुस्सा, अधीरता, और नकारात्मक विचारों का सामना करना पड़ सकता है।
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यह दोष विवाह, करियर, स्वास्थ्य, और आर्थिक क्षेत्र में रुकावटें पैदा कर सकता है।
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इस पूजा के माध्यम से दोष को शांत किया जाता है, जिससे मंगल और राहु का संतुलन स्थापित होता है।
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यह पूजा व्यक्ति को मानसिक और आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है।
निष्कर्ष :
अंगारक दोष निवारण पूजा जीवन की परेशानियों को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देने का एक प्रभावी उपाय है। यह पूजा मंगल और राहु के अशुभ प्रभाव को समाप्त करके जीवन में समृद्धि, शांति और संतोष लाती है। यदि कुंडली में अंगारक दोष हो, तो इस पूजा को करवाना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।