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विशेष गर्भाधान संस्कार पूजा
गर्भाधान संस्कार पूजा
संतान के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार ,सकारात्मक ऊर्जा का संचार, शारीरिक दोषों से मुक्ति ,उत्तम संस्कारों की प्राप्ति ,धार्मिक परंपराओं का पालन
उज्जैन, ढेडिया, मध्य प्रदेश 456006

11, मार्च , Tuesday

पूजा की बुकिंग बंद हो जाएगी: 10-03-25
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अब तक0+ भक्तों ने महाकाल.कॉम की पूजा सेवा के माध्यम से आयोजित पूजा में सहभागी बन चुके हैं।

गर्भाधान संस्कार पूजा 

गर्भाधान संस्कार हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से पहला संस्कार है। यह संस्कार गर्भधारण के समय संतान की स्वस्थता और उत्तम गुणों की प्राप्ति के लिए किया जाता है। इस संस्कार का मुख्य उद्देश्य स्त्री के गर्भ में शुद्ध और स्वस्थ संतान उत्पन्न करना है।

गर्भाधान संस्कार सनातन अथवा हिन्दू धर्म की संस्कृति संस्कारों पर ही आधारित है। हमारे ऋषि-मुनियों ने मानव जीवन को पवित्र एवं मर्यादित बनाने के लिये संस्कारों का अविष्कार किया। धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक दृष्टि से भी इन संस्कारों का हमारे जीवन में विशेष महत्व है।

गर्भाधान संस्कार के लिए सबसे अच्छे समय 

शास्त्रों के मुताबिक, गर्भाधान के लिए ऋतुकाल को सबसे अच्छा माना गया है. ऋतुकाल, रजो-दर्शन के 16 दिनों तक माना जाता है। इस दौरान, रजो-दर्शन के पहले चार-पांच दिनों और 11वें और 13वें दिन समागम नहीं करना चाहिए। गर्भाधान के लिए रात्रि का तीसरा प्रहर सबसे श्रेष्ठ माना गया है। गर्भाधान संस्कार के लिए, मलिन अवस्था, मासिक धर्म, ब्रह्म मुहूर्त, दिन का समय, और संध्या का समय अनुचित माना गया है। गर्भाधान संस्कार, पूर्णिमा, अमावस्या, अष्टमी, या चतुर्दशी के दिन नहीं करना चाहिए। गर्भाधान संस्कार के लिए, मंगलवार, शनिवार, और रविवार के दिन भी अनुचित माना गया है।गर्भाधान संस्कार के लिए, चतुर्थी, नवमी, और चतुर्दशी तिथि पर भी स्त्री-पुरुष को एक साथ नहीं आना चाहिए। गर्भाधान के लिए दक्षिण दिशा शुभ नहीं मानी गई है। गर्भाधान संस्कार के लिए, मृगशिरा, हस्त, अनुराधा, रोहिणी, स्वाती, श्रवण, धनिष्ठा, और शतभिषा नक्षत्र शुभ माने गए हैं।

गर्भाधान मंत्र:

1. ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णुः। सर्वे प्रजापते देवा गृहणन्तु हविर्मयम्।

    संतानोत्पत्तये गर्भाधान कर्मणि मम शारिरमाह्वयिष्ये।

2. ॐ इमं पुत्रं सर्वैः संविदं यथा नीडं पतयन्ति पतत्रिणः।

    एवं मा धत्तमेनसं पुत्रिणं गर्भं धीमहि सुमतिं भद्रवद्या।

इन मंत्रों का उच्चारण गर्भाधान के समय किया जाता है, ताकि माता-पिता को योग्य, स्वस्थ और धर्मनिष्ठ संतान प्राप्त हो। गर्भाधान संस्कार के साथ ये मंत्र गर्भाधान के पवित्र उद्देश्य को सशक्त बनाने का कार्य करते हैं।

गर्भाधान संस्कार के मुख्य महत्व:

1. धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण: हिंदू धर्म में गर्भाधान संस्कार का महत्व अत्यधिक माना गया है क्योंकि यह परिवार की अगली पीढ़ी के निर्माण से जुड़ा है। यह संस्कार संतान को पवित्र और धार्मिक दृष्टिकोण से जन्म देने के लिए किया जाता है। यह संतान के जन्म से पहले ही उसके जीवन को संस्कारित और अनुशासित करने का प्रथम कदम होता है।

2. संतान की शारीरिक और मानसिक उन्नति: गर्भाधान संस्कार का मुख्य उद्देश्य संतान को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और शक्तिशाली बनाना है। संस्कार के दौरान किए गए वैदिक मंत्रों और यज्ञों से गर्भस्थ शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

3. संतान के उत्तम गुणों की प्राप्ति: गर्भाधान संस्कार के माध्यम से दंपति संतान में उत्तम गुणों और संस्कारों की प्राप्ति के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं। इससे यह माना जाता है कि संतान के अंदर ज्ञान, धैर्य, शील और सदाचार जैसे गुण विकसित होते हैं।

4. संस्कारित जीवन की शुरुआत: यह संस्कार जीवन की शुरुआत में ही दंपति को संयमित और संयत जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है। इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि माता-पिता की मानसिक और शारीरिक स्थिति संतान की उत्पत्ति के समय संतुलित और शुद्ध हो।

5. परिवार और समाज के लिए श्रेष्ठ संतति का निर्माण: गर्भाधान संस्कार का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि दंपति एक ऐसे शिशु का जन्म करें जो समाज और परिवार के लिए उपयोगी हो, धर्म और संस्कृति का पालन करे, और भविष्य में समाज की सेवा में समर्पित हो।

6. पारिवारिक और सामाजिक संतुलन: यह संस्कार परिवार और समाज में संतुलन और समृद्धि बनाए रखने में मदद करता है। संतान के जन्म से पहले यह सुनिश्चित किया जाता है कि माता-पिता मानसिक और आध्यात्मिक रूप से शुद्ध और संतुलित हों, ताकि वे अपने परिवार और समाज में सकारात्मक योगदान दे सकें।

7. विज्ञान और धर्म का संगम: गर्भाधान संस्कार में धर्म और विज्ञान का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। प्राचीन भारतीय विज्ञान के अनुसार, गर्भधारण के समय माता-पिता की मानसिक और शारीरिक स्थिति का सीधा प्रभाव संतान के विकास पर पड़ता है। इसलिए, इस संस्कार के माध्यम से माता-पिता को मानसिक शांति, शुद्धि और सद्गुणों की प्राप्ति के लिए प्रेरित किया जाता है।

8. संतान की शारीरिक और मानसिक दोषों से मुक्ति: यह संस्कार दंपति और संतान के भविष्य में आने वाली शारीरिक और मानसिक दोषों से मुक्ति दिलाने में सहायक माना जाता है। वैदिक मंत्रों और यज्ञों से संतान की कुंडली में दोषों को शांत करने का प्रयास किया जाता है, ताकि भविष्य में वह जीवन में सुख और सफलता प्राप्त कर सके।

9. संतान उत्पत्ति की शुद्धता और पवित्रता: गर्भाधान संस्कार संतान की उत्पत्ति को शुद्ध और पवित्र बनाता है। इसके द्वारा दंपति को संयम और मर्यादा में रहकर संतान उत्पत्ति की प्रक्रिया में शामिल होने की शिक्षा दी जाती है।

गर्भाधान संस्कार पूजा के लाभ

1. संतान के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार: गर्भाधान संस्कार के दौरान किए गए वैदिक मंत्रों और अनुष्ठानों का सकारात्मक प्रभाव होने की मान्यता है। इससे दंपति की मानसिक और शारीरिक शुद्धि होती है, जो आगे चलकर स्वस्थ और समर्थ संतान के जन्म में सहायक होती है।

2. पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार: इस संस्कार से घर और परिवार में सकारात्मक ऊर्जा और शुद्धता का माहौल बनता है। पूजा के दौरान मंत्रों और यज्ञ की धूम्र से वातावरण शुद्ध होता है, जो गर्भधारण के लिए अनुकूल होता है।

3. शारीरिक दोषों से मुक्ति: गर्भाधान संस्कार करने से संतान के शारीरिक और मानसिक दोषों की संभावना कम हो जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह संस्कार संतान के जन्म से पूर्व ही उसके शारीरिक दोषों को समाप्त करने का कार्य करता है।

4. सकारात्मक विचार और संस्कार: गर्भाधान संस्कार का एक अन्य उद्देश्य माता-पिता के मानसिक और आत्मिक विकास को प्रोत्साहित करना होता है। इससे वे अपने जीवन में सही दिशा में आगे बढ़ते हैं और संतान के लिए उत्तम संस्कार प्रदान करने में सक्षम होते हैं।

5. आध्यात्मिक और धार्मिक मार्गदर्शन: गर्भाधान संस्कार से दंपति को आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टिकोण से सही मार्गदर्शन मिलता है। इस संस्कार के जरिए वे अपने जीवन को संयमित और धर्मिक नियमों के अनुसार ढालने के लिए प्रेरित होते हैं।

6. विवाह संबंध को मजबूत करना: इस संस्कार के दौरान पति-पत्नी के बीच संबंधों की मजबूती बढ़ती है। यह एक ऐसा अवसर होता है जब दोनों मिलकर संतान के लिए प्रार्थना करते हैं और एक-दूसरे के प्रति विश्वास और सम्मान को और अधिक गहरा करते हैं।

7. पारिवारिक समृद्धि और स्थिरता: गर्भाधान संस्कार करने से परिवार में समृद्धि और स्थिरता का वास होता है। यह संस्कार दंपति और उनके परिवार के जीवन में समृद्धि, शांति और खुशहाली लेकर आता है।

8. धार्मिक परंपराओं की पूर्ति: हिंदू धर्म के अनुसार, गर्भाधान संस्कार करना एक महत्वपूर्ण धार्मिक परंपरा है। इसके द्वारा परिवार और समाज के धार्मिक नियमों और संस्कारों का पालन होता है।

9. संतान की कुंडली और ग्रह दोषों का निवारण: इस संस्कार के दौरान किए गए अनुष्ठान और मंत्र जाप संतान की कुंडली में आने वाले ग्रह दोषों को भी शांत करने में सहायक माने जाते हैं। यह भविष्य में संतान के जीवन को सुचारू और सुखमय बनाने में सहायक होता है। गर्भाधान संस्कार पूजा एक धार्मिक और आध्यात्मिक प्रक्रिया है जो संतान के स्वस्थ, गुणवान और आध्यात्मिक विकास की कामना करती है।

गर्भाधान संस्कार न केवल शारीरिक और मानसिक शुद्धता की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आध्यात्मिक विकास और समाज के लिए उत्तम संतति के निर्माण का भी आधार है। इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि संतान न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ हो, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी संतुलित और संस्कारित हो।

 

बुकिंग प्रक्रिया

1. पूजा पैकेज चुनें

अपना पसंदीदा पैकेज चुनें: व्यक्तिगत, साथी, पारिवारिक, या संयुक्त परिवार पूजा- जो आपकी आध्यात्मिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है।

2. वैकल्पिक पेशकश और समीक्षा विवरण जोड़ें

आध्यात्मिक आशीर्वाद अर्जित करने के लिए गौ सेवा, वस्त्र दान, या भोजन दान, पेड़ लगाना और बहुत कुछ जैसे प्रसाद शामिल करके अपने अनुभव को बढ़ाएं।

अपने चयनित पूजा के लिए भुगतान विवरण की समीक्षा करें, जिसमें पैकेज और आपके द्वारा जोड़ा गया कोई भी अतिरिक्त प्रसाद शामिल है।

3. भुगतान करें

क्रेडिट/डेबिट कार्ड, यूपीआई और डिजिटल वॉलेट सहित ऑनलाइन भुगतान विकल्पों को सुरक्षित करने के लिए आगे बढ़ें। अपने भुगतान को अंतिम रूप देने से पहले सभी विवरणों की समीक्षा करें।

4. मंगलाचरण के लिए विवरण दर्ज करें

फॉर्म में अपना नाम और गोत्र भरें, और पूजा में भाग लेने वाले परिवार के सदस्यों के नाम और गोत्र जोड़ें।

चुनें कि क्या आप पूजा प्रसाद प्राप्त करना चाहेंगे (हाँ या नहीं में)।

5. अपडेट और डिलिवरेबल्स प्राप्त करें

लाइव स्ट्रीमिंग शुरू होने से एक घंटा पहले सूचना प्राप्त करें। पूजा के बाद, 4-5 दिनों के भीतर रिकॉर्ड किया गया वीडियो, अपनी यात्रा का एक प्रमाण पत्र, और 7-8 दिनों के भीतर आपके दरवाजे पर दिव्य प्रसाद प्राप्त करें (केवल तभी लागू होता है जब आप फॉर्म भरने के दौरान "हाँ" चुनते हैं)।

 

मंदिर के बारे में

मंदिर या स्थल के बारे में विवरण डालें] जिस मंदिर में नवग्रह शांति पूजा की जाती है वह एक पवित्र स्थल है जो अपने आध्यात्मिक महत्व और शांतिपूर्ण माहौल के लिए जाना जाता है। यह विभिन्न अनुष्ठानों और समारोहों की मेजबानी करने के लिए सुसज्जित है, जो पूजा के लिए एक शांत वातावरण प्रदान करता है। महाकाल डॉट कॉम मंदिर के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है, जिसमें इसकी सुविधाएँ, स्थान और विशेष व्यवस्थाएँ शामिल हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि आपकी यात्रा आरामदायक और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध हो। 

 

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उत्तर: उपलब्ध सूची में से अपनी इच्छित पूजा चुनें, पसंदीदा तिथि और समय चुनें, आवश्यक विवरण भरें और अपनी बुकिंग की पुष्टि करने के लिए भुगतान पूरा करें।

उत्तर: बुकिंग के बाद, आपको निर्धारित समय, पंडित विवरण और वर्चुअल सत्र में शामिल होने के लिए एक लिंक (यदि लागू हो) के साथ एक पुष्टिकरण ईमेल या एसएमएस प्राप्त होगा।

उत्तर: एक बार ऑनलाइन पूजा बुक हो जाने के बाद आप उसे पुनर्निर्धारित या रद्द नहीं कर सकते। अनुष्ठान की उचित व्यवस्था और पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए सभी बुकिंग अंतिम हैं।

उत्तर: यदि आप सत्र में शामिल होने में समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो कृपया अपना इंटरनेट कनेक्शन जांचें और अपने पुष्टिकरण ईमेल में विवरण सत्यापित करें। यदि समस्या बनी रहती है, तो सहायता के लिए सहायता से संपर्क करें।

उत्तर: हां, हमारी सभी ऑनलाइन पूजाएं अनुभवी और योग्य पंडितों द्वारा आयोजित की जाती हैं जो पारंपरिक अनुष्ठानों का पालन करते हैं और आपकी आवश्यकताओं के अनुसार व्यक्तिगत प्रार्थनाएं करते हैं।
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