नवरात्रि पूजा: घर पर नवरात्रि पूजा के 7 सरल चरण (2024)

नवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख और पवित्र पर्व है, जिसे देवी दुर्गा के 9 रूपों की उपासना के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है, खासकर कोलकाता में इसे दुर्गा पूजा के नाम से जाना जाता है। नवरात्रि के दौरान, लोग उपवास रखते हैं और विशेष पूजा और अनुष्ठानों का पालन करते हैं। इस ब्लॉग में हम आपको घर पर नवरात्रि पूजा करने के 7 सरल चरण बता रहे हैं, जो आसानी से किए जा सकते हैं।

नवरात्रि पूजा सामग्री (पूजा समग्री):

  1. देवी दुर्गा की मूर्ति या चित्र
  2. देवी को अर्पित करने के लिए लाल साड़ी या दुपट्टा
  3. पवित्र हिंदू पुस्तक (पंजिका)
  4. नारियल
  5. चंदन
  6. ताजे आम के पत्ते
  7. पान और सुपारी
  8. गंगा जल
  9. रोली (तिलक के लिए लाल पाउडर)
  10. इलायची
  11. अगरबत्ती
  12. लौंग
  13. फल और मिठाई
  14. ताजे फूल
  15. गुलाल और सिंदूर
  16. कच्चे चावल
  17. मौली (पवित्र लाल धागा)
  18. दूर्वा घास

नवरात्रि पूजा करने के 7 आसान चरण:

चरण 1: घट स्थापना (Ghata Sthapana)

नवरात्रि पूजा की शुरुआत घट स्थापना से होती है। सबसे पहले देवी दुर्गा की मूर्ति या चित्र को चौकी पर रखें। इसके पास एक मिट्टी का कलश रखें, जिसमें जौ बोई गई हो। यह पूजा का प्रारंभिक चरण है।

चरण 2: कलश स्थापना (Kalash Sthapana)

इसके बाद कलश में गंगाजल भरें और उसमें आम के पत्ते, फूल, और सिक्के डालें। कलश के मुंह को ढक्कन से ढकें और उस पर कच्चे चावल रखें। नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कलश के मुंह पर रखें।

चरण 3: देवी दुर्गा की पूजा (Worship of Goddess Durga)

अब देवी दुर्गा की पूजा शुरू करें। देवी के समक्ष दीपक जलाएं और पंचोपचार विधि से पूजा करें। पंचोपचार में पांच वस्तुएं अर्पित की जाती हैं: सुगंध, फूल, दीपक, धूप और नैवेद्य।

चरण 4: चौकी स्थापना (Chowki Sthapana)

चौकी पर रोली का लेप लगाएं और उस पर मौली बांधें। इसके बाद देवी दुर्गा की मूर्ति को चौकी पर रखें। यह चरण देवी का आह्वान करने का होता है।

चरण 5: नवरात्रि पूजा (Navratri Pooja)

पूजा के दौरान दुर्गा माँ के मंत्रों का जाप करें और उनकी आराधना करें। यह माना जाता है कि इस दौरान देवी आपके घर में आती हैं और अपने आशीर्वाद से घर को शुभ करती हैं। पूजा के दौरान फूल, भोग, दीपक और फल अर्पित करें।

चरण 6: आरती (Aarti)

पूजा की समाप्ति पर आरती करें। एक थाली में दीपक, फूल, और अन्य पूजा की सामग्री सजाएं। थाली को एक हाथ में लेकर और घंटी को दूसरे हाथ में पकड़कर आरती करें, घंटी बजाएं, और देवी दुर्गा से आशीर्वाद प्राप्त करें।

चरण 7: कन्या पूजन (Kanya Pooja)

नवरात्रि के अंतिम या नवें दिन 9 कन्याओं को आमंत्रित करें। इन कन्याओं की आयु 5 से 12 वर्ष के बीच होनी चाहिए। उन्हें स्वादिष्ट भोजन कराएं, उपहार दें, और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। यह प्रक्रिया कन्या पूजन के रूप में जानी जाती है, जिसमें कन्याओं को देवी का रूप माना जाता है।

नवरात्रि पूजा के लाभ:

नवरात्रि पूजा का महत्व सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक भी है। इससे घर में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। देवी दुर्गा के आशीर्वाद से परिवार के सभी सदस्यों का कल्याण होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

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