नवरात्रि 8वें दिन: मां महागौरी की पूजा विधि, मंत्र, कथा, भोग, आरती और शुभ रंग

नवरात्रि का आठवां दिन मां महागौरी की पूजा को समर्पित होता है, जिन्हें देवी दुर्गा के आठवें स्वरूप के रूप में पूजा जाता है। अष्टमी तिथि के दिन देवी महागौरी की पूजा करने से भक्तों को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। मां महागौरी की पूजा विशेष रूप से सफेद रंग के वस्त्र धारण कर की जाती है और नारियल का भोग लगाया जाता है, जो मां को अत्यंत प्रिय है। आइए जानें मां महागौरी की पूजा विधि, मंत्र, कथा, भोग और आरती सहित सभी जानकारी।

मां महागौरी पूजा विधि (Puja Vidhi)

  1. अष्टमी के दिन प्रातः स्नान करके सफेद रंग के वस्त्र धारण करें।
  2. मां महागौरी की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं।
  3. मां को सफेद रंग के पुष्प अर्पित करें और घी का दीपक जलाएं।
  4. कुमकुम तिलक और पंचमेवा अर्पित करें।
  5. मां महागौरी की कथा का पाठ करें और अंत में आरती करें।
  6. इस दिन कन्या पूजन और हवन का विशेष महत्व होता है, इसलिए 9 कन्याओं को भोजन कराकर दक्षिणा और उपहार प्रदान करें।

मां महागौरी की कथा (Maa Mahagauri Vrat Katha)

पौराणिक कथा के अनुसार, मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया। तपस्या के कारण उनका रंग श्याम हो गया। जब भगवान शिव उनकी तपस्या से प्रसन्न हुए, तो उन्होंने मां को गंगा में स्नान करने का सुझाव दिया। गंगाजल से स्नान करने के बाद मां पार्वती गौर वर्ण की हो गईं और उन्हें 'महागौरी' नाम प्राप्त हुआ। मां महागौरी की पूजा करने से भक्तों को पवित्रता और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

मां महागौरी का मंत्र (Mantra)

श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।

मां महागौरी का भोग (Bhog)

मां महागौरी को नारियल का भोग अत्यंत प्रिय है। इस दिन नारियल का भोग अर्पित करने से देवी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को सुख, समृद्धि और मानसिक शांति प्रदान करती हैं।

नवरात्रि 8वें दिन का रंग (Navratri 8th Day Colour)

नवरात्रि के आठवें दिन गुलाबी रंग का विशेष महत्व है। इस दिन गुलाबी रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है, क्योंकि मां महागौरी को गुलाबी रंग बहुत प्रिय है।

मां महागौरी की आरती (Aarti)

जय उमा भवानी जय महामाया॥
हरिद्वार कनखल के पासा।
महागौरी तेरा वहा निवास॥

चन्द्रकली और ममता अम्बे।
जय शक्ति जय जय माँ जगदम्बे॥
भीमा देवी विमला माता।
कौशिक देवी जग विख्यता॥

हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा।
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा॥
सती हवन कुंड में था जलाया।
उसी धुएं ने रूप काली बनाया॥

बना धर्म सिंह जो सवारी में आया।
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया॥
तभी माँ ने महागौरी नाम पाया।
शरण आने वाले का संकट मिटाया॥

शनिवार को तेरी पूजा जो करता।
माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता॥
भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो।
महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो॥

निष्कर्ष: मां महागौरी की कृपा से सुख-समृद्धि की प्राप्ति

मां महागौरी की पूजा करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। विशेषकर महिलाएं जो अपने वैवाहिक जीवन में शांति चाहती हैं, उन्हें मां महागौरी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। अष्टमी के दिन मां की कृपा से घर में खुशहाली और समस्त समस्याओं का निवारण होता है।

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