श्री रामदास नवमी 2025: तिथि, महत्व, पूजा विधि और व्रत का संपूर्ण विवरण

श्री रामदास नवमी 2025: तिथि, महत्व, पूजा विधि और व्रत का संपूर्ण विवरण

श्री रामदास नवमी एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है जो महान संत और आध्यात्मिक गुरु संत रामदास जी की जयंती के रूप में मनाया जाता है। संत रामदास जी ने भक्ति और समाज सुधार के क्षेत्र में अद्भुत योगदान दिया और छत्रपति शिवाजी महाराज के मार्गदर्शक रहे। यह दिन भक्तों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है क्योंकि वे इस अवसर पर उनकी शिक्षाओं को आत्मसात करते हैं और उनकी पूजा करते हैं।

श्री रामदास नवमी 2025 की तिथि और मुहूर्त

श्री रामदास नवमी 2025 में 22 फरवरी को मनाई जाएगी। यह दिन फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को पड़ता है।

  • नवमी तिथि प्रारंभ: 21 फरवरी 2025 को दोपहर 1:19 बजे

  • नवमी तिथि समाप्त: 22 फरवरी 2025 को दोपहर 1:19 बजे

  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:17 से 1:03 बजे तक

  • राहुकाल: सुबह 9:49 से 11:14 बजे तक (इस समय पूजा न करें)

श्री रामदास जी का जीवन परिचय

संत रामदास जी का जन्म 1608 ईस्वी में महाराष्ट्र में हुआ था। वे बचपन से ही धार्मिक प्रवृत्ति के थे और भक्ति के मार्ग पर चलते हुए उन्होंने समाज में अध्यात्म और निस्वार्थ सेवा का संदेश दिया। उन्होंने अपने जीवनकाल में कई महत्वपूर्ण ग्रंथों की रचना की और लोगों को धर्म, भक्ति, और अनुशासन का मार्ग दिखाया।

श्री रामदास नवमी का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

  • संत रामदास जी ने भक्ति और समाज सुधार के लिए अपना जीवन समर्पित किया।

  • वे छत्रपति शिवाजी महाराज के आध्यात्मिक गुरु थे और उन्होंने शिवाजी को राज्य संचालन में मार्गदर्शन दिया।

  • इस दिन संत रामदास जी की शिक्षाओं का पाठ किया जाता है और उनके बताए गए आदर्शों का पालन करने का संकल्प लिया जाता है।

श्री रामदास नवमी पूजा विधि

  1. स्नान और संकल्प: प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा का संकल्प लें।

  2. मंदिर में पूजा: श्री रामदास जी की मूर्ति या चित्र के समक्ष दीपक जलाएं और पुष्प अर्पित करें।

  3. मंत्र जाप: संत रामदास जी द्वारा रचित भजनों और मंत्रों का जाप करें।

  4. प्रसाद वितरण: पूजा के बाद भक्तों को प्रसाद वितरित करें और गरीबों को अन्न एवं वस्त्र दान करें।

  5. ध्यान और सत्संग: संत रामदास जी की शिक्षाओं को पढ़ें और सत्संग में भाग लें।

श्री रामदास नवमी व्रत के लाभ

  • व्रत करने से मन को शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।

  • संत रामदास जी की कृपा से जीवन में अनुशासन और समर्पण की भावना विकसित होती है।

  • यह व्रत भक्तों को नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त करता है और सकारात्मकता प्रदान करता है।

श्री रामदास नवमी न केवल संत रामदास जी की जयंती के रूप में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भक्ति, सेवा और अनुशासन का संदेश भी देती है। इस दिन उनकी शिक्षाओं को अपनाने और समाज सेवा करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है। यदि आप भी इस पावन अवसर पर व्रत और पूजा करते हैं, तो निश्चित ही श्री रामदास जी की कृपा प्राप्त करेंगे।

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