भारत में आध्यात्मिकता और त्यौहार अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, जो सांस्कृतिक और सामुदायिक जीवन का आधार हैं। हजारों साल पुरानी परंपराओं में निहित ये उत्सव निरंतरता और अपनेपन की भावना प्रदान करते हैं, एकता और सामूहिक आनंद को बढ़ावा देते हैं। ऐसा ही एक त्यौहार प्रसिद्ध जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा है, जिसे रथों के त्यौहार के रूप में भी जाना जाता है, जिसे दुनिया का सबसे पुराना और सबसे बड़ा रथ जुलूस माना जाता है। तीर्थयात्री और भक्त, अटूट आस्था से प्रेरित होकर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की भव्य शोभायात्रा को देखने और उसमें भाग लेने के लिए लंबी यात्राएं करते हैं। लेकिन भक्ति के इस सागर के पीछे एक शांत संघर्ष छिपा है। आस्था से प्रेरित कई तीर्थयात्री अपने दिल में उम्मीद के अलावा कुछ नहीं लेकर कई दिनों तक यात्रा करते हैं। वे अक्सर भूखे, थके हुए और साधारण भोजन का खर्च उठाने में असमर्थ होते हैं।