श्री द्वारका धाम

श्री द्वारका धाम

द्वारका धाम सात मोक्ष पुरी में से एक माना जाता है। द्वारका नाम द्वार से लिया गया है, और इसे मोक्ष के प्रवेश द्वार के रूप मे माना जाता है। आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा परिभाषित चार धाम, चार वैष्णव तीर्थ हैं। इन चार तीर्थों मे से एक भारत की पश्चिम दिशा मे द्वारका का यह श्री द्वारकाधीश मंदिर (ગુજરાતી: શ્રી દ્વારકાધીશ મન્દિર) है। द्वारकाधीश नाम का अर्थ है, द्वारका के राजा यानी भगवान श्री कृष्ण। मुख्य मंदिर 5 मंजिला, 72 स्तंभों के द्वारा स्थापित है जिसे जगत मंदिर तथा निज मंदिर के नाम में भी जाना जाता है। परंपरा के अनुसार यह मूल मंदिर श्री कृष्ण के पोते वज्रभ ने गोमती नदी के किनारे भगवान कृष्ण की आवासीय जगह पर बनाया था। हालांकि स्पष्ट करेंकि, यह गोमती नदी उत्तर भारत की वह गोमती नदी नहीं है जो गंगा नदी मे मिलती है। मंदिर के शिखर पर 52 यार्ड के ही ध्वज का दिन मे पाँच वार उतरने और चढ़ने का विधान है।

कैसे पहुंचे
द्वारका का निकटतम घरेलू हवाई अड्डा जामनगर में स्थित है जो लगभग 137 किमी. की दूरी पर स्थित है जहाँ से आप टैक्सी द्वारा द्वारका पहुँच सकते हैं। मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से जामनगर के लिए नियमित उड़ानें उपलब्ध हैं।
द्वारका स्टेशन अहमदाबाद – ओखा ब्रॉड गेज रेलवे लाइन पर स्थित है जहाँ से राजकोट, अहमदाबाद और जामनगर के लिए रेल सेवा उपलब्ध है। इसके अलावा कुछ ट्रेन सूरत, वड़ोदरा, गोवा, कर्नाटक, मुंबई तथा केरल तक भी जाती हैं।

आरती समय
मंगला आरती
06:00 से 07:30
श्रंगार आरती
10:00 से 11:05
ग्वाल भोग
11:05 से 11:20
उथाप्पन भोग
05:30 से 05:45
शाम आरती
07:30 से 08:00
संध्या भोग
08:00 से 08:10
शयन आरती
09:00 से 09:20

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