भगवान शिव के 108 नाम और उनका महत्व

भगवान शिव, जिन्हें महादेव, भोलेनाथ और त्रिलोकेश्वर के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में सर्वोच्च देवता माने जाते हैं। वे सृजन, संहार और पालन के प्रतीक हैं। शास्त्रों में भगवान शिव के 108 नामों का वर्णन किया गया है, जिनका जप करने से भक्तों को आध्यात्मिक शांति और सिद्धि प्राप्त होती है।
भगवान शिव के 108 नाम
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महादेव
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शंकर
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भोलेनाथ
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रुद्र
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नीलकंठ
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त्रिलोकेश्वर
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गंगाधर
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चंद्रशेखर
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महाकाल
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पशुपतिनाथ
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विश्वेश्वर
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उमापति
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सदाशिव
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कालभैरव
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त्र्यंबकेश्वर
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अर्धनारीश्वर
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मृत्युंजय
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देवेश्वर
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गिरिजापति
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अघोरनाथ
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भूतनाथ
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नागेश्वर
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अंनत
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परशुपाणि
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लिंगेश्वर
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श्रीकंठ
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कपाली
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अक्षमाला
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दक्षयज्ञविनाशक
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वृषकेतु
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वामन
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चक्रधर
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योगीश्वर
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शशिशेखर
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भैरवेश्वर
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ज्योतिर्लिंग
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उमामहेश्वर
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चतुर्भुज
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भक्तवत्सल
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योगाधिपति
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अर्धचंद्रधर
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प्रलयकारी
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आत्मलिंग
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दिगंबर
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महायोगी
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योगिराज
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गजांतक
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शूलपाणि
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भवेश्वर
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आत्माराम
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चक्रवर्ती
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विष्णुवल्लभ
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सूर्यशेखर
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अग्निज्वाला
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धर्मरूप
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पंचानन
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वेदांतसार
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वेदविभूषण
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अग्निलोचन
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सर्वात्मा
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ईशान
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सर्वेश्वर
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नटराज
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सर्वज्ञ
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महाद्युत
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सृष्टिकर्ता
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तपस्वी
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हर
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हरिहरात्मा
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सुरेश्वर
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शरणागतवत्सल
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भस्मांग
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चिदानंद
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गंगाधर
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कैलाशनाथ
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दयानिधि
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विश्वकर्ता
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विश्वनाथ
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प्रजापति
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महाबल
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महातीर्थ
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सुरप्रिय
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सदानंद
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त्रिनेत्र
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चंद्रचूड़
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ब्रह्मचारी
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त्रिशूलधारी
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सुदर्शन
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लयकारक
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नादेश्वर
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अमरनाथ
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सृष्टिसंहारकर्ता
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भवभेषज
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विश्वरूप
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करुणाकर
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सुलेखर
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अजेय
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सत्यसंकल्प
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कामदेवसंहारक
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धूर्जटी
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शम्भु
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महेश्वर
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ईश्वर
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आत्मेश्वर
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ब्रह्मेश्वर
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अघोresh
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कराल
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शाश्वत
भगवान शिव के नामों का महत्व
भगवान शिव के इन नामों का जप करने से मन की शुद्धि होती है, पापों का नाश होता है और जीवन में शांति व समृद्धि आती है। प्रत्येक नाम का अपना विशिष्ट अर्थ और आध्यात्मिक प्रभाव है।
भगवान शिव के 108 नामों का स्मरण कर हम उनके दिव्य स्वरूप की उपासना कर सकते हैं। इन नामों का जप न केवल आध्यात्मिक उन्नति देता है बल्कि जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है।
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