करवा चौथ 2024: गणेश, चौथ माता, चंद्र देव और सूर्य देव की पूजा का महाव्रत

करवा चौथ का व्रत विवाहित महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है, जिसे पति की लंबी आयु, सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए रखा जाता है। इस वर्ष 20 अक्टूबर 2024 को करवा चौथ का पर्व मनाया जाएगा। यह व्रत विशेष रूप से भारतीय संस्कृति में विवाहित महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जल व्रत रखती हैं और चंद्र दर्शन के बाद ही जल और भोजन ग्रहण करती हैं।
करवा चौथ 2024 का शुभ योग
इस वर्ष करवा चौथ का व्रत रविवार, 20 अक्टूबर 2024 को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाएगा। इस बार करवा चौथ पर विशेष रूप से भगवान गणेश, चौथ माता, चंद्र देव और सूर्य देव की पूजा का विशेष योग बना है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, इस दिन सूर्य को अर्घ्य देकर दिन की शुरुआत करना विशेष शुभ होगा।
भगवान गणेश, जिन्हें चतुर्थी तिथि का स्वामी माना जाता है, की पूजा करवा चौथ पर विशेष रूप से की जाती है। इसके साथ ही महिलाएं चौथ माता और चंद्र देव की पूजा करती हैं। रात में चंद्र उदय के बाद चंद्र देव को अर्घ्य देकर ही व्रत तोड़ा जाता है।
करवा चौथ की पौराणिक कथा
करवा चौथ की सबसे प्रसिद्ध कथा वीरावती नामक एक ब्राह्मण कन्या से जुड़ी है। वीरावती सात भाइयों की अकेली बहन थी और उसका विवाह होने के बाद वह अपने भाइयों के घर आई थी। करवा चौथ के दिन उसने अपनी भाभियों के साथ व्रत रखा, लेकिन भूख-प्यास से व्याकुल होकर वह बेहोश हो गई। उसके भाइयों ने एक मशाल जलाकर उसे चांद का आभास कराया और उसे खाना खिला दिया। इसके बाद उसके पति की मृत्यु हो गई, और वीरावती ने विधिवत करवा चौथ का व्रत रखा, जिससे उसके पति को पुनः जीवनदान मिला।
यह कथा यह सिखाती है कि करवा चौथ का व्रत विधिपूर्वक और पूर्ण श्रद्धा के साथ किया जाना चाहिए। ऐसा करने से महिलाओं को सौभाग्य और उनके पति की लंबी आयु प्राप्त होती है।
करवा चौथ व्रत का महत्व और लाभ
करवा चौथ न केवल एक धार्मिक पर्व है बल्कि यह पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास को भी मजबूत करता है। व्रत रखने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य प्राप्त होता है, साथ ही उनके जीवन साथी को लंबी उम्र, अच्छा स्वास्थ्य और समृद्धि मिलती है। इस दिन गणेश जी और चंद्र देव की पूजा विशेष रूप से की जाती है, क्योंकि चतुर्थी के स्वामी भगवान गणेश और चंद्रमा दोनों का इस व्रत में विशेष महत्व है।
करवा चौथ 2024: चंद्र उदय का समय और पूजा मुहूर्त
- चतुर्थी तिथि का आरंभ: 20 अक्टूबर 2024, सुबह 6:46 बजे से
- चतुर्थी तिथि का समापन: 21 अक्टूबर 2024, सुबह 4:16 बजे तक
- चंद्र उदय का समय: 20 अक्टूबर 2024, शाम 7:54 बजे
- करवा चौथ पूजा मुहूर्त: शाम 5:46 बजे से 7:02 बजे तक
यदि चांद न दिखाई दे तो क्या करें?
कई बार मौसम खराब होने के कारण चंद्रमा दिखाई नहीं देता है, ऐसे में महिलाएं क्या करें? ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट के अनुसार, इस स्थिति में महिलाएं शिव मंदिर जाकर भगवान शिव के माथे पर स्थित चंद्रमा को अर्घ्य दे सकती हैं। दूसरा उपाय यह है कि चांदी का एक सिक्का लेकर उसे चंद्रमा का प्रतीक मानकर पूजा करें और अर्घ्य दें। इससे व्रत पूर्ण माना जाएगा।
करवा चौथ व्रत के दौरान क्या करें?
- सूर्य को अर्घ्य दें: सुबह जल्दी उठकर सूर्य देव को अर्घ्य देकर दिन की शुरुआत करें। यह दिन को शुभ बनाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
- गणेश जी की पूजा करें: चतुर्थी तिथि के स्वामी गणेश जी की पूजा करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। गणेश जी की कृपा से व्रत सफल होता है।
- चंद्र दर्शन के बाद पारण करें: चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत तोड़ें। चंद्र देव की पूजा के बिना यह व्रत अधूरा माना जाता है।
करवा चौथ का आध्यात्मिक पक्ष
करवा चौथ का व्रत न केवल धार्मिक बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। यह व्रत संयम, धैर्य और पति-पत्नी के बीच विश्वास को सुदृढ़ करता है। करवा चौथ के दौरान महिलाएं अपनी इच्छाशक्ति और मानसिक शक्ति को भी प्रकट करती हैं। यह व्रत पति के प्रति प्रेम और समर्पण का प्रतीक है, जो उनके वैवाहिक जीवन को सुखी और सौभाग्यशाली बनाता है।
निष्कर्ष
करवा चौथ 2024 का व्रत विवाहित महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इस दिन भगवान गणेश, चौथ माता और चंद्र देव की पूजा करके महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और समृद्धि की कामना करती हैं। यह व्रत न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि पारिवारिक और सामाजिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। करवा चौथ के दिन पूर्ण विधि-विधान से व्रत करने से अखंड सौभाग्य और वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
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