आमलकी एकादशी 2025: व्रत तिथि, पारण मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र और कथा का संपूर्ण विवरण

आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi) हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है। यह एकादशी फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष में आती है और इसे रंगभरी एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ आंवले के वृक्ष की पूजा करने से समस्त पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।

आमलकी एकादशी 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त

इस व्रत को करने से पूर्व शुभ मुहूर्त जानना आवश्यक है।

एकादशी तिथि प्रारंभ – 9 मार्च 2025 को रात्रि 11:08 बजे
एकादशी तिथि समाप्त – 10 मार्च 2025 को रात्रि 09:56 बजे

आमलकी एकादशी व्रत पारण मुहूर्त

व्रत पारण तिथि – 11 मार्च 2025
पारण का समय – प्रातः 06:30 बजे से 08:50 बजे तक

आमलकी एकादशी का महत्व

आमलकी एकादशी का व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और व्यक्ति को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत विशेष रूप से पापों के नाश और जीवन में सुख-समृद्धि लाने वाला माना जाता है।

आमलकी एकादशी पूजा विधि

  1. प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. व्रत का संकल्प लें और दिनभर निराहार या फलाहार रहें।
  3. आंवले के वृक्ष के नीचे या घर में आंवले के फल को रखकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
  4. दीप जलाएं, धूप और पुष्प अर्पित करें।
  5. श्री हरि विष्णु का स्मरण करें और विशेष रूप से विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
  6. रात्रि में जागरण करें और भजन-कीर्तन करें।
  7. द्वादशी तिथि को ब्राह्मणों को भोजन कराकर व्रत का पारण करें।

आमलकी एकादशी व्रत कथा

प्राचीन काल में एक राजा चित्ररथ नामक नगर पर शासन करता था। वह अत्यंत धार्मिक और भगवान विष्णु का परम भक्त था। एक बार फाल्गुन शुक्ल एकादशी के दिन उसने अपने पूरे राज्य में इस व्रत को करने का आदेश दिया। सभी लोगों ने इस व्रत का पालन किया और भगवान विष्णु की आराधना की।

एक दिन एक शिकारी जंगल में शिकार करते-करते थक गया और संयोगवश वह एक आश्रम में पहुंचा, जहां आमलकी एकादशी का व्रत किया जा रहा था। उसने भी वहां रुककर पूजा में भाग लिया और एकादशी व्रत का पालन किया। अगले जन्म में वह राजा के रूप में जन्मा और उसके राज्य में सुख-शांति और समृद्धि बनी रही।

आमलकी एकादशी व्रत के लाभ

  1. यह व्रत करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं।
  2. व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  3. धन, वैभव और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
  4. भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

आमलकी एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और आंवले के वृक्ष की आराधना से विशेष फल प्राप्त होते हैं। जो व्यक्ति सच्चे मन से इस व्रत को करता है, उसे जीवन में सुख-समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow