फाल्गुन मास 2025: महत्व, व्रत, त्योहार और धार्मिक अनुष्ठान

फाल्गुन मास का महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास वर्ष का बारहवां और अंतिम महीना होता है। यह महीना विशेष रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस मास में भगवान विष्णु, शिव और श्रीकृष्ण की आराधना का विशेष महत्व है। साथ ही, यह महीना होली और महाशिवरात्रि जैसे प्रमुख त्योहारों के कारण भी अत्यंत पावन माना जाता है।
फाल्गुन मास 2025 की तिथियां
फाल्गुन मास 2025 का आरंभ 13 फरवरी 2025 से होगा और इसका समापन 14 मार्च 2025 को होगा।
फाल्गुन मास में आने वाले प्रमुख व्रत और त्योहार
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विजया एकादशी (26 फरवरी 2025) - इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है।
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महाशिवरात्रि (26 फरवरी 2025) - भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का यह शुभ पर्व रात्रि जागरण और विशेष पूजा-अर्चना के साथ मनाया जाता है।
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अमलकी एकादशी (12 मार्च 2025) - आंवला वृक्ष की पूजा की जाती है और भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखा जाता है।
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होलिका दहन (13 मार्च 2025) - बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक रूप में होलिका दहन किया जाता है।
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होली (14 मार्च 2025) - रंगों का यह उत्सव पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
फाल्गुन मास में करने योग्य धार्मिक कार्य
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भगवान विष्णु और शिव की पूजा – इस माह में विशेष रूप से भगवान विष्णु और शिव की आराधना करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
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दान और पुण्य कार्य – फाल्गुन मास में अन्न, वस्त्र और धन का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
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संकीर्तन और भजन-कीर्तन – इस माह में भजन-कीर्तन और संकीर्तन करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
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मंत्र जाप और ध्यान – इस मास में ‘ॐ नमः शिवाय’ और ‘ॐ विष्णवे नमः’ मंत्रों का जाप करना शुभ होता है।
फाल्गुन मास में क्या करें और क्या न करें?
क्या करें?
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सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूजा-पाठ करें।
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व्रत और दान-पुण्य करें।
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होली और महाशिवरात्रि जैसे पर्व श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाएं।
क्या न करें?
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इस मास में मांसाहार और नशे से दूर रहें।
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बुरी संगति और गलत विचारों से बचें।
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किसी का अपमान या अनादर न करें।
फाल्गुन मास न केवल धार्मिक रूप से बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यह माह जीवन में सुख-शांति और आध्यात्मिक उन्नति का अवसर प्रदान करता है। इस दौरान किए गए व्रत, दान और पूजा-पाठ से व्यक्ति को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। इसलिए, फाल्गुन मास का पूरा लाभ उठाने के लिए श्रद्धा और भक्ति के साथ इसका पालन करें।
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