नाग पंचमी 2024: नाग देवता की पूजा और इसके महत्व की विस्तृत जानकारी

नाग पंचमी 2024: नाग देवता की पूजा और इसके महत्व की विस्तृत जानकारी

नाग पंचमी हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है और उन्हें दूध अर्पित किया जाता है। नाग पंचमी का यह पर्व भगवान शिव के साथ-साथ नाग देवता को प्रसन्न करने के लिए भी विशेष महत्व रखता है।

नाग पंचमी का महत्व और पूजा विधि

नाग पंचमी का पर्व सनातन धर्म के शास्त्रों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस दिन नागों की पूजा करके उन्हें दूध अर्पित करने से जीवन की अनेक समस्याओं का समाधान होता है। इस पूजा से सर्पदंश का भय दूर होता है और जीवन में शांति बनी रहती है। मान्यता है कि नाग देवता की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में आने वाली सभी बाधाएं समाप्त हो जाती हैं।

पूजा विधि:

  1. नाग पंचमी के दिन प्रातःकाल उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. पूजा स्थल पर नाग देवता की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। अगर नाग प्रतिमा न हो, तो शिवलिंग पर स्थापित नागदेव की पूजा कर सकते हैं।
  3. नाग देवता को जल, दूध, हल्दी, रोली, चावल, और फूल चढ़ाएं।
  4. धूप-दीप जलाकर पूजा करें और मिठाई का भोग लगाएं।
  5. नाग देवता की कथा का पाठ करें और सुने।

नाग पंचमी व्रत कथा

नाग पंचमी की कथा द्वापर युग से जुड़ी है। महाभारत के समय राजा परीक्षित ने ऋषि शमीक का अपमान किया था, जिसके फलस्वरूप ऋषि के पुत्र ने उन्हें सर्पदंश से मरने का श्राप दे दिया। श्राप के सातवें दिन राजा परीक्षित की मृत्यु तक्षक नाग के डसने से हुई। उनके पुत्र जनमेजय ने अपने पिता की मृत्यु का बदला लेने के लिए नागदाह यज्ञ किया, जिसमें समस्त नागों को जलाने का प्रयास किया गया।

जब नागों का नाश होने लगा, तो आस्तिक मुनि ने यज्ञ को रोका और नागों को जीवनदान दिया। उस दिन सावन शुक्ल पंचमी थी, तभी से नाग पंचमी का पर्व मनाने की परंपरा शुरू हुई। इस कथा का पठन नाग पंचमी के दिन अति शुभ माना जाता है।

नाग पंचमी के धार्मिक और सामाजिक पहलू

नाग पंचमी का पर्व हमारे समाज में सांपों के महत्व और उनके संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से भी मनाया जाता है। सांप प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नाग पंचमी के दिन सांपों की पूजा और उन्हें दूध अर्पित करने की परंपरा समाज में उनके प्रति सम्मान की भावना को जाग्रत करती है।

निष्कर्ष: नाग पंचमी का पर्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमें जीव-जंतुओं के संरक्षण और उनके प्रति आदर भाव रखने की शिक्षा भी देता है। नाग पंचमी की पूजा और कथा का पठन जीवन में सुख-समृद्धि लाने के साथ-साथ सर्प भय से भी मुक्ति दिलाता है।

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